A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव A new Punjabi Singing Sensation Akshay Shokeen ruling the hearts of youth महामारी कोविड-१९ःके.आई.आई.टी एवं के.आई.एस.एस. ने बनाया असंभव को संभव डेंगू को लेकर रहें सतर्क, मच्छरों से करें अपना बचाव

समृद्ध भारत: युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता के अवसर ;त्वरित नीतिगत बदलाव की दरकार -युथ एक्टिविस्ट डॉ.एन.पी. गाँधी, कोटा, राजस्थान

केंद्रीय स्तर पर द्रुतगामी युवा सशक्तिकरण नीति: भारत के भविष्य की कुंजी
.......................
???? केंद्र सरकार को युवाओं के लिए एक व्यापक और द्रुतगामी नीति तैयार करनी चाहिए
...............................................
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के द्वारा जारी 'भारत रोज़गार रिपोर्ट में युवा रोजगार की चुनौतियों को रेखांकित करती है। युवाओं को बेहतर कौशल से लैस करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। युवाओं को सशक्त बनाना भारत के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
.................................................
✍️ महत्वपूर्ण नवाचारों पर जोर देने की आवश्यकता

????वन नेशन वन एक्जाम के साथ वन नेशन वन सेंट्रलाइज्ड जॉब एप्लीकेशन को करना होगा लागु
????सेंट्रलाइज्ड न्यूनतम वेतनमान अधिनियम (फॉर आल स्टेट ) वेतन असमानता विसंगतियों और युवा वैतनिक शोषण रोकने हेतु है जरूरी

????डॉ कलाम शहरी एवं ग्रामीण युवा स्किल्ड रोजगार गारंटी योजना (शिक्षित बेरोजगार आत्महत्या रोकथाम एवं युवा सशक्तिकरण हेतु है आवश्यक )
????डॉ कलाम युवा करियर मार्गदर्शन केंद्र (मानसिक करियर तनाव मुक्ति और युवा सशक्त मार्गदर्शन हेतु है जरूरी)

???? सरकार, उद्योग, शिक्षा संस्थान और युवाओं को मिलकर प्रयास करने होंगे: ????

✍️ युवा रोजगार का असर पूरे देश पर पड़ता है,कैसे?

????आर्थिक विकास में बाधा: जब युवाओं को रोजगार नहीं मिलता है, तो वे अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं दे पाते हैं। इसका मतलब है कि कम खपत, कम कर राजस्व और कम आर्थिक विकास।
????सामाजिक अशांति: बेरोजगारी से हताशा और सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है।
????असमानता में वृद्धि: जब युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिलते हैं, तो यह आय और धन की असमानता को बढ़ा सकता है।
????प्रतिभा का पलायन: योग्य युवा बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जा सकते हैं, जिससे देश का नुकसान होता है।

------------------------
मानव विकास संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के द्वारा जारी 'भारत रोज़गार रिपोर्ट 2024' रिपोर्ट से खुलासा हुआ है की भारत के युवा बढ़ती बेरोज़गारी दर से जूझ रहे है।
-----------------------
इस रिपोर्ट में युथ एम्प्लॉयमेंट ,एजुकेशन एवं स्किल में गत बीस वर्षो में भारत जैसे विकासशील देश में उभरते आर्थिक ,लेबर मार्किट एवं एजुकेशन स्किल परिदृश्य में हुए परिवर्तन एवं युवा रोजगार के संदर्भ में मौजूदा चुनोतिया परलक्षित होती हुई दिखाई देती है। उपरोक्त रिपोर्ट कुल बिस वर्षो की समेकित विश्लेषण वर्ष 2000 और वर्ष 2022 के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण तथा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के डेटा पर आधारित है, जिसमें वर्ष 2023 के लिये एक पोस्टस्क्रिप्ट सम्मिलित है।समग्र श्रम बल भागीदारी और रोज़गार दरों में सुधार के बावजूद, भारत में रोज़गार की स्थिति खराब बनी हुई है, जिसमें स्थिर या घटती मज़दूरी, महिलाओं के बीच स्व-रोज़गार में वृद्धि एवं युवाओं के बीच अवैतनिक पारिवारिक काम का उच्च अनुपात जैसे मुद्दे शामिल हैं।भारत के बेरोज़गार कार्यबल में लगभग 83% युवा हैं और कुल बेरोज़गारों में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की हिस्सेदारी वर्ष 2000 में 35.2% से लगभग दोगुनी होकर वर्ष 2022 में 65.7% हो गई है।पिछले दो दशकों में, भारत के नौकरी बाज़ार में कुछ श्रम संकेतकों में कुछ सुधार देखा गया है, लेकिन समग्र रोज़गार की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।वर्ष 2018 से पहले कृषि रोज़गार की तुलना में गैर-कृषि रोज़गार तेज़ी से बढ़ने के बावजूद, गैर-कृषि क्षेत्र कृषि से श्रमिकों को अवशोषित करने के लिये पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हुए हैं।अधिकांश श्रमिक, लगभग 90%, अनौपचारिक कार्य में लगे हुए हैं और नियमित रोज़गार का अनुपात, जो वर्ष 2000 के बाद लगातार बढ़ रहा था, वर्ष 2018 के बाद घटने लगा।भारत के बड़े युवा कार्यबल को, जिसे अक्सर जनसांख्यिकीय लाभ के रूप में देखा जाता है, आवश्यक कौशल की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
युवाओं के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से में बुनियादी डिजिटल साक्षरता कौशल का अभाव है, जिसमें 75% संलग्नक के साथ ईमेल भेजने में असमर्थ हैं, 60% फ़ाइलों को कॉपी और पेस्ट करने में असमर्थ हैं तथा 90% गणितीय सूत्र डालने जैसे बुनियादी स्प्रेडशीट कार्य करने में असमर्थ हैं।जबकि वर्ष 2012-22 के दौरान आकस्मिक मज़दूरों की मज़दूरी में मामूली वृद्धि का रुझान बना रहा, नियमित श्रमिकों की वास्तविक मज़दूरी या तो स्थिर रही या गिरावट आई। वर्ष 2019 के बाद स्व-रोज़गार की वास्तविक कमाई में भी गिरावट आई।कुल मिलाकर मज़दूरी कम बनी हुई है। अखिल भारतीय स्तर पर अकुशल आकस्मिक कृषि श्रमिकों में से 62% और निर्माण क्षेत्र में 70% ऐसे श्रमिकों को वर्ष 2022 में निर्धारित दैनिक न्यूनतम मज़दूरी नहीं मिली।
युवा रोज़गार, शिक्षा और कौशल पर यह रिपोर्ट भारत में उभरते आर्थिक, श्रम बाज़ार, शैक्षिक एवं कौशल परिदृश्य व पिछले दो दशकों में हुए बदलावों के संदर्भ में युवा रोज़गार की चुनौती की जाँच करती है।डिजिटल रूप से मध्यस्थता वाले गिग और प्लेटफॉर्म कार्य का परिचय तेज़ी से हुआ है, जो प्लेटफॉर्म द्वारा एल्गोरिथम द्वारा नियंत्रित होते हैं तथा श्रम प्रक्रिया के नियंत्रण में नई सुविधाएँ लेकर आए हैं।तेज़ी से, प्लेटफ़ॉर्म और गिग कार्य का विस्तार हो रहा है, लेकिन यह काफी हद तक, अनौपचारिक कार्य का विस्तार है, जिसमें शायद ही कोई सामाजिक सुरक्षा प्रावधान है।विभिन्न राज्यों में रोज़गार परिणामों में महत्त्वपूर्ण भिन्नताएँ मौजूद हैं, कुछ राज्य रोज़गार संकेतकों में लगातार निचले स्थान पर हैं।बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पिछले कुछ वर्षों में खराब रोज़गार परिणामों से जूझ रहे हैं, जो क्षेत्रीय नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है।

युवा जनसंख्या में एक तरफ भारत पुरे विश्व में एक नंबर पर है,हाल ही में भारत देश के लेटेस्ट पापुलेशन के आंकड़ों से पता चलता है की युवाओ हेतु भारत जैसे विकासशील देश में युवा रोजगार एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। लाखों युवा बेहतर जीवन की तलाश में रोजगार के अवसरों के लिए अभी भी कई विभिन्न रूपों में संघर्ष कर रहे हैं। हलाकि पिछले दस वर्षो में युवा स्टार्टअप एवं स्किल डेवलपमेंट क्षेत्रों में काफी नवोन्मेष एवं आवश्यक नीतिगत परिवर्तन एवं फैसले लिए गए है परन्तु फिर भी कई स्तर पर उच्च प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, उन्हें अक्सर अपनी योग्यता और रुचि के अनुरूप काम नहीं मिल पाता है।हलाकि इसके भी कारन सामने आये है की कई युवाओं के पास आवश्यक शिक्षा और कौशल का अभाव होता है जो उन्हें रोजगार योग्य बना सके और भले ही युवाओं के पास शिक्षा और कौशल हो, उन्हें अक्सर नौकरी पाने के लिए आवश्यक अनुभव की कमी भी बढ़ती युवा बेरोजगारी का कारण माना गया है ।वर्तमान में बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत जैसे विकास शील देश में अभी अधिकतर क्षेत्र में नौकरियों के लिए भारी प्रतिस्पर्धा है, खासकर उच्च स्तरीय बड़े बड़े पैकेज वाली नौकरियों के लिए जिनमे अधिकतर प्रोफेशनल ,इंजीयरिंग ,मैनेजमेंट एवं क्षेत्र विशेष में योग्यताधारी युवा शामिल होते है । यही नहीं रोजगार के क्षेत्र में युवाओ में निजी क्षेत्र के लघु मझले उधोग में बढ़ती असंतुष्टि का कारण युवाओं को प्रदत अपेक्षा से कम वेतन है, भले ही वे अनुभवी हों एवं स्किल्ड और प्रोफेशनल योग्यताधारी हो ,देखा गया है कई असंगठित क्षेत्र में और यही नहीं सरकारी क्षेत्र में भी कई युवा अस्थायी या संविदात्मक आधार पर काम करते हैं, जिसमें नौकरी की सुरक्षा कम होती है।कई इंडस्ट्रीज में राज्यों में आज भी युवाओं को अक्सर उनके लिंग, जाति, धर्म या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। युवा बेरोजगारी का कारण कई युवाओं में उद्यमिता की कमी पायी गई है, जिससे वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में असमर्थ होते हैं, हलाकि भारत सरकार के स्टार्टअप इण्डिया मिशन से अब यह गेप काफी काम हुआ है अब युवाओ को अपना उदिम आसानी से खोलने के लिए आवश्यक फण्ड बिना किसी लेट लतीफी के मिलने लगा है। कई क्षेत्र विशेष में युवाओं को अक्सर करियर मार्गदर्शन और सलाह की कमी होती है। वस्तुतः शिक्षा प्रणाली को युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए।युवाओं को इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और अन्य अनुभव के अवसरों तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।ताकि अनुभवी और इंडस्ट्री विशेष हेतु स्किल्ड युवा तैयार हो सके। सरकार और निजी क्षेत्र को अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। सरकार को युवाओं के लिए प्रोफेशनल क्वालिफ़िकेशन एवं जॉब विशेष क्लासिफिकेशन कर कड़ी पालना के साथ शिक्षाविदों ,अन्य इंडस्ट्री एक्सपर्ट पालिसी मेकर के साथ पब्लिक प्राइवेट इंडस्ट्री हितार्थ न्यूनतम वेतन निर्धारित करना चाहिए। देखा जा रहा है अभी भी कई राज्यों में सरकारी प्रोजेक्ट्स संविदात्मक जॉब में जिला ब्लॉक स्तर पर बहुत ही कम तनख्वाह में युवाओ से बड़ी मात्रा में कार्य करवाकर उनका शोषण किया जा रहा है ,देश में अभी भी कई संविदा में कार्यरत पदों में संलग्न युवा वर्षो से आठ दस हजार पंद्रह हजार मासिक में जॉब कर रहे है ,जो की एक तरह से युवाओ के साथ खिलवाड़ है और फलस्वरूप देखा जा रहा है युवा अपराध ,कार्यिकी भ्र्ष्टाचार में बढ़ोतरी हो रही है।इसके साथ ही युवाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, जैसे स्वास्थ्य बीमा और बेरोजगारी लाभ। राज्य वार कई पदों में भर्ती में हो रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए कड़े कानून और नीतियां बनाई जानी चाहिएऔर इसे केंद्र स्तर पर कंट्रोल किया जाना चाहिए ,ताकि सम्बन्धित राज्य सरकार युवाओ के साथ खिलवाड़ न कर सके। युवाओं को उद्यमिता शुरू करने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन किया जाना चाहिए और सरकारी स्तर पर अधिक से अधिक क्षेत्रीय स्तर पर शिविर लगाकर युवाओ को उद्यम से जोड़ने हेतु प्रशिक्षण और आवश्यक सुविधाओं का विस्तार करना चाहिए । केंद्र सरकार द्वारा युवा रोजगार क्षेत्र में राज्य जिला और ब्लॉक स्तर पर डॉक्टर कलाम मार्गदर्शन केंद्र युवाओं को करियर मार्गदर्शन और सलाह हेतु खोले जाने चाहिए और यही नहीं सभी केंद्रों हेतु केंद्र और राज्य सरकार सम्मिलित रूप से भागीदार बनकर एवं क्षेत्रीय कॉर्पोरेट संस्थाओ को जोड़कर मॉडर्न युवा मेंटरिंग लैब्स एवं आईटी केंद्र भी खोले जाने चाहिए और हर केंद्र में एक सेण्टर हेड की नियुक्ति उच्च प्रशिक्षित कवालिफ़िएड मैनेजमेंट,डेवलपमेंट संस्थानों से की जानी चाहिए ।युवा रोजगार न केवल युवाओं के लिए बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने से एक समृद्ध युवा और समृद्ध भारत का निर्माण होगा,जो देश को पुनः विश्व गुरु बनाने हेतु मार्ग प्रशस्त करने में सहायक सिद्ध होगा।युवा भारत का भविष्य हैं। उन्हें सशक्त बनाकर और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करके, हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।शिक्षित बेरोजगार आत्महत्या रोकथाम एवं युवा सशक्तिकरण हेतु नवाचार के रूप में शीघ्रातिशीघ्र डॉ कलाम शहरी एवं ग्रामीण युवा स्किल्ड रोजगार गारंटी योजना लागु करनी होगी। इससे कई युवा स्वतंत्र रूप से आत्मनिर्भर भारत मुहीम का हिस्सा भी बनेंगे,क्योकि जब बेरोजगार युवा को न्यूनतम बारह महीने की स्किल्ड रोजगार गारंटी मिलेगी तो भारत का शहरी हो या ग्रामीण युवा वह सरकार के विभिन्न विभागों का स्किल्ड इंटर्न के रूप में न्यूनतम समय हेतु रोजगार में रहेगा जिससे वह वित्तीय रूप से मजबूत और मानसिक रूप से सशक्त होगा और इससे युवा अपने बलबूते पर स्टार्टअप हेतु प्रेरित होंगे .

लेखक परिचय :डॉ.एन.पी गाँधी
चर्चित युवा विचारक, युवा सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक, और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। यह विश्लेषणात्मक स्वतंत्र विचार युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और भारत सरकार को युवा सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। सभी वर्गों के युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए विचारोत्तेजक है। गाँधी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) मुंबई विश्वविद्यालय के एलुमनाई रहे है, एवं पूर्व में राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास विभाग एवं योजना भवन में राज्य स्तर पर विभिन्न अंशकालिक प्रोजेक्ट पद पर रह चुके है।
drnayanprakashgandhi@gmail.com ,91-7976194795


रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Aishwarya Sinha

संबंधित पोस्ट