- शनिवार 10 फरवरी से जिले भर में शुरू हो रहा है मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान
- इस दौरान जिला भर में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को कराएगी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन
मुंगेर-:
एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता रथ को गुरुवार को जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि डेवलपमेट पार्टनर पीसीआई के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुंगेर और जमालपुर शहरी क्षेत्र और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिला के सभी प्रखंडों में जागरुकता रथ के माध्यम से माइकिंग करवा कर सभी लोगों को शनिवार 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड के दौरान अनिवार्य रूप से फाइलेरिया कि दवा का सेवन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता रथ के माध्यम से आम लोगों को फाइलेरिया कि बीमारी होने के कारण, लक्षण इससे बचने के लिए साल में कम से कम एक बार एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष 10 फरवरी से जिला के सभी प्रखंडों में एमडीए राउंड के दौरान लोगों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया जाता है ताकि कोई भी फाइलेरिया कि वजह से एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश नहीं हो। इस बीमारी कि वजह से संक्रमित व्यक्ति जीवन भर एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हो जाता है। इस अवसर पर प्रभारी डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर ध्रुव कुमार शाह, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा, डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, फाइलेरिया कार्यालय के वरीय पर्यवेक्षक सुधांशु कुमार, पीसीआई के जिला प्रतिनिधि मंजीत कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाते हुए प्रभारी डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर ध्रुव कुमार शाह ने बताया कि 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम एमडीए राउंड के दौरान किसी को खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है और दवा का सेवन आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही करना है ताकि यदि माइक्रो फाइलेरिया कि वजह से किसी व्यक्ति के शरीर में किसी तरह का एडवर्स कंडीशन जैसे उल्टी, बुखार, सिर दर्द सहित अन्य लक्षण देखने को मिलता है तो उसका तत्काल समाधान हो सके और विशेष स्थिति में आशा के द्वारा समय पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सूचना देकर समुचित इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस दौरान दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओ, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलानी है। उन्होंने बताया कि समुचित प्रचार -प्रचार के द्वारा ही लोगों को फाइलेरिया कि खाने के लिए जागरूक किया जा सकता है ।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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