- पहले दिन हवेली खड़गपुर और बरियारपुर से आई आशा कार्यकर्ता को दिया गया प्रशिक्षण
- दूसरे दिन बरियारपुर और धरहरा प्रखंड की आशा कार्यकर्ता को दिया जाएगा प्रशिक्षण
मुंगेर-
राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के गुणवत्तापूर्ण संचालन को ले जिला के हवेली खड़गपुर, बरियारपुर और धरहरा प्रखंड की 100 आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला मलेरिया कार्यालय परिसर में शुक्रवार और शनिवार को आशा कार्यकर्ता के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा जारी किए गए निर्देश के अनुसार जिला के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ता के लिए मलेरिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन शुक्रवार को हवेली खड़गपुर प्रखंड से आई 40 और बरियारपुर प्रखंड से आई 10 सहित कुल 50 आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही दूसरे दिन शनिवार को बरियारपुर प्रखंड की 10 और धरहरा प्रखंड से आने वाली 40 आशा कार्यकर्ता सहित कुल 50 आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में मौजूद मुंगेर के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा ने मलेरिया बीमारी होने के कारण, पहचान, जांच, इलाज और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मलेरिया, प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। इसी बीमारी से ग्रसित रोगी को प्रतिदिन या एक दिन का अंतर देकर या चौथे रोज बुखार हो सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के बच्चे, महिला या पुरुष को हो सकती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया दो प्रकार का होता है ;
1. फेल्सीपेरम मलेरिया या दिमागी मलेरिया : इस प्रकार के मलेरिया में तेज बुखार होने के साथ- साथ खून की भी कमी हो जाती है। इसकी वजह से बुखार दिमाग पर चढ़ जाता और फेफड़ा में भी सूजन हो जाती है। इस प्रकार के मलेरिया में जॉन्डिस और किडनी में भी खराबी हो जाती है।
2. भाई वेक्स मलेरिया : इस प्रकार का मलेरिया मरीज को बार बार संक्रमित कर सकता है। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा सभी सरकारी अस्पताल में निः शुल्क उपलब्ध है।
इस अवसर पर लैब टेक्नीशियन गोपाल कुमार ने विस्तारपूर्वक मलेरिया जांच किट और स्लाइड से जांच करने के बारे में आशा कार्यकर्ता को जानकारी दी। इस मौके पर डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, पीसीआई के प्रतिनिधि मिथिलेश कुमार और पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि अमरेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
मलेरिया के लक्षण :
ठंड लगना, कपकपी, सिरदर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होना। ऐसा प्रतिदिन, एक दिन बीच करके या एक निश्चित अंतराल के बाद होना।
बचाव :
घर एवम घर के आसपास बने गड्ढों, नालियों, बेकार पड़े खाली डिब्बों, पानी की टंकियों, गमलों, टायर ट्यूब में पानी एकत्रित नहीं होने दें।
जमा हुए पानी में मिट्टी तेल या जले हुए डीजल की कुछ बूंदें अवश्य डालें।
सोते समय मच्छर दानी अथवा मच्छर भगाने वाली क्रीम या अगरबत्ती का प्रयोग अवश्य करें।
- मलेरिया से बचाव के लिए डीडीटी या एसपी पाउडर के छिड़काव में कर्मियों की अवश्य मदद करें ।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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