केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को ड्रग्स तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। शाह की अध्यक्षता में सम्मेलन के दौरान सभी राज्यों के एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के समन्वय से एनसीबी द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में 1 लाख 44 हजार किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थों को नष्ट किया गया, जो एक दिन में अब तक का सर्वाधिक ड्रग्स नष्ट करने का रिकॉर्ड है। पिछले एक साल में 10 लाख किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया गया है, जिसका मूल्य लगभग 12,000 करोड़ रुपये है।
वैश्विक स्तर पर भारत को नई पहचान दिलाने वाले शाह का स्पष्ट मानना है कि नशे का कारोबार राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, जिससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य के बीच समन्वय जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र नरेंद्र मोदी के नशा मुक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में जुटे अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने नशे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसके परिणामस्वरूप 2013 के बाद से दोगुने से अधिक मात्रा में ड्रग्स को जब्त किया जा चुका है। पिछले 9 साल में जहाँ एनसीबी द्वारा जब्त की गई ड्रग्स की संख्या में लगभग 100% की वृद्धि हुई है, वहीं ड्रग तस्करों के खिलाफ 181% अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और तस्करों की गिरफ्तारी में 296% की बढ़ोतरी हुई है। नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने जहाँ एक तरफ राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) की स्थापना की, वहीं दूसरी तरफ हर राज्य के पुलिस विभाग में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाया।
भारतीय राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने वाले शाह के कुशल मार्गदर्शन में खुफिया एजेंसियों द्वारा सभी वित्तीय दस्तावेजों का अलग-अलग विश्लेषण करने के बाद वित्तीय जाँच और तस्करों के संपत्ति की जब्ती में बढ़ोतरी आई है। साल 2022 में एनसीबी ने 27 ऐसे मामलों में वित्तीय जाँच की जिसमें 15,98,37,784 रुपये की संपत्ति जब्त की गई। डीईए, एएफपी, एनसीए, आरसीएमपी आदि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर अंतर्राष्ट्रीय ड्रग माफिया को नियंत्रित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। साथ ही, 44 देशों के साथ इस मुद्दे पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किया गया है। देश के 372 जिलों में नशा मुक्ति अभियान के तहत 8000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है, जिसमें अब तक 3 करोड़ से अधिक युवाओं और 2 करोड़ से अधिक महिलाओं तक पहुँच बनाई जा चुकी है।
शाह का स्पष्ट मत है कि नशा व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और पूरी दुनिया के लिए हानिकारक है। अगर एक निश्चित समय के अंदर इस पर काबू नहीं पाया गया तो इस पर काबू पाना नामुमकिन हो जाता है। इसकी लत युवाओं को समाज पर बोझ बनाती है और इसके व्यवसाय से होने वाली आय आतंकवाद जैसी समस्याओं को मजबूत करती है। अमृतकाल में मोदी-शाह की जोड़ी द्वारा शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाकर त्रि-स्तरीय रणनीति के तहत 'नशा मुक्त भारत' के आह्वान का संकल्प साकार हो रहा है।
रिपोर्टर
Swapnil Mhaske
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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