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– विगत 12 मई को पटना में उपमुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम का किया था शुभारंभ
– इस कार्यक्रम के तहत पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘ स्वस्थ्य गांव ‘की कल्पना की गई है
मुंगेर-
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुंगेर में “टीबी मुक्त पंचायत पहल ” कार्यक्रम शुरू किया गया है। विगत 12 मई को पटना स्थित ऊर्जा स्टेडियम में उप मुख्यमंत्री ने “टीबी मुक्त पंचायत पहल” कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार शाह ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम के तहत मुंगेर में टीबी उन्मूलन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास के लक्ष्यों को 2025 तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ‘स्वस्थ्य गांव ‘ की परिकल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि जिला भर में स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सहयोग से टीबी उन्मूलन की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। अब इन प्रयासों को प्रति वर्ष मान्य संकेतकों (इंडिकेटर्स) पर मापने और सत्यापन कर टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत पहल के क्रियान्वयन से राज्य के सभी जिलों/प्रखंडों एवम पंचायतों के बीच एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा और ज्यादा से पंचायत, प्रखंड और जिला टीबी मुक्त होने का दावा प्रस्तुत कर सकेंगे ।
पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए कुछ आवश्यक कदम :
जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक शलेंदु कुमार ने बताया कि जिला एवं पंचायत स्तर पर बैठक कर समुदाय को टीबी के लक्षणों, जांच एवम उपचार की निः शुल्क व्यवस्था, सरकार के द्वारा टीबी रोगियों और ट्रीटमेंट स्पोर्टर को दिए जाने वाले लाभों की जानकारी देना, जन आरोग्य समिति, ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति की मासिक/त्रैमासिक बैठकों में टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की शर्तों, संकेतकों (इंडिकेटर्स) पर प्रगति की समीक्षा एवम कठिनाइयों के समाधान के लिए प्रयास करने और समाज के सक्षम लोगों के द्वारा टीबी रोगियों को फूड बास्केट प्रदान करने के लिए प्रेरित कर निक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाने का कार्य करना है।
इसके बाद प्रखंड और पंचायत के माध्यम से जिला स्वास्थ्य समिति (यक्ष्मा) को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए जरूरी दस्तावेज के साथ दावा प्रस्तुत करना होगा । इसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष जनवरी महीने के पहले पखवाड़े में ग्राम प्रधान मुखिया की अध्यक्षता में ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति के सदस्य, एएनएम, सीएचओ तथा प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी टीबी मुक्त पंचायत के लिए संकेतकों के आधार पर आकलन कर अपना दावा प्रस्तुत करेंगे।
– जिला टीबी टीम के द्वारा प्रखंडों से प्राप्त टीबी मुक्त पंचायत दावा का सत्यापन :
उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय टीम जिसमें राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी या उनके प्रतिनिधि, सिविल सर्जन, जिला संचारी रोग पदाधिकारी, जिला परिषद के प्रतिनिधि, आईएमए के प्रतिनिधि सहित कई अन्य लोगों के द्वारा प्राप्त दावों का संकेतकों के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष जिला टीम के द्वारा साल के पहली तिमाही में सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर मार्च के प्रथम सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी । इसके बाद सत्यापित पाए गए पंचायतों की सूची जो टीबी मुक्त पंचायत की शर्तों को पूरा करते हों, को जिला टीम के द्वारा जिलाधिकारी को समर्पित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर जिलाधिकारी के द्वारा योग्य टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा करते हुए एक वर्ष की वैधता के साथ प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र के साथ महात्मा गांधी की एक प्रतिमा से टीबी मुक्त पंचायत को सम्मानित किया जाएगा। प्रतिमा का रंग पहले साल कांस्य, दो साल की उपलब्धि पर रजत और लगातार तीन वर्षों तक मानदंडों को बनाए रखने पर स्वर्ण रंग का होगा ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar