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- कुपोषण की वजह से टीबी मरीजों की कम हो जाती है रोग - प्रतिरोधक क्षमता
- केंद्र सरकार के द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को सही पोषण के लिए दी जाती है प्रत्येक महीने 500 रुपए की सहायता राशि
- केंद्र सरकार के निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाएं और व्यक्ति भी कर रहे हैं टीबी मरीजों की सहायता
मुंगेर, 06 मई-
टीबी के मरीजों के लिए सही और पूरे इलाज के साथ- साथ सही पोषण के लिए पौष्टिक और विटामिन युक्त आहार का सेवन भी आवश्यक है। इस आशय की जानकारी जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार शाह ने दी। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के द्वारा इलाज के साथ- साथ पौष्टिक आहार लेने से उनके शरीर की रोग - प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जिससे टीबी मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने में काफी मदद मिलती है । कम से कम समय में मरीज टीबी की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो जाता है।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मोटे अनाज के तौर पर ज्वार, बाजारा के साथ - साथ प्रत्येक दिन दूध और विटामिन युक्त फलों और हरी सब्जियों का नियमित सेवन बहुत ही उपयोगी है। विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद और आम जैसे फलों और हरी सब्जियों के अलावा टमाटर, शकरकंद और गाजर सहित अन्य सब्जियों जिनमें एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है ,के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
केंद्र सरकार के द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत के टीबी मरीजों को सही पोषण के लिए दी जाती है प्रत्येक महीने 500 रुपए की सहायता राशि : जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर में जिला टीबी/ एचआईवी रोग समन्वयक शैलेंदु कुमार ने बताया कि टीबी मरीजों के सही पोषण के लिए केंद्र सरकार निक्षय पोषण योजना के तहत पूरे इलाज अवधि के दौरान 500 रुपए प्रति माह की दर से डायरेक्ट टू बेनिफिशियरी (डीबीटी) माध्यम से सहायता राशि देती है। इसके लिए बलगम जांच के बाद टीबी की बीमारी तय होने के बाद टीबी मरीज का पूरा डिटेल निक्षय पोर्टल पर अपलोड होना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाएं और व्यक्ति भी टीबी मरीजों की सहायता कर रहे हैं।
भारत सरकार के द्वारा सन 2025 तक निर्धारित किया गया है टीबी उन्मूलन का लक्ष्य :
डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर मुंगेर के जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) सुमित सागर ने बताया कि मुंगेर सहित पूरे बिहार और समूचे देश से टीबी की बीमारी के उन्मूलन के लिए भारत सरकार ने सन 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के द्वारा लगातार एक्टिव टीबी पेशेंट सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान चिह्नित किए गए टीबी के मरीजों की पीएचसी और सीएचसी स्तर पर जांच और समुचित इलाज की पूरी व्यवस्था निः शुल्क उपलब्ध है। इसके अलावा टीबी मरीजों को पूरे इलाज की अवधि के दौरान निः शुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए पर्याप्त रूप में प्रचार - प्रसार कर बीमारी के लक्षणों, उपचार और बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
रिपोर्टर
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Dr. Rajesh Kumar