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समाज में नया अलख जगाकर महिलाओं के प्रति सम्मान एवं समानता करें स्थापित: डीएम

- खान पान में मोटे अनाज को शामिल करने पर दें जोर

- गांव -गांव तक मोटे अनाज के सेवन के प्रति चलाएं जागरुकता अभियान

पटना-


 समाज में महिलाओं को उचित सम्मान और समानता मिले। इसके लिए हम सभी को मिलजुलकर समाज में एक नया अलख जगाने की जरूरत है। महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं के प्रति होने वाले हर प्रकार के शोषण और भेदभाव समाप्त करने की जरूरत है। तभी महिलाओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार होगा। जिसमें वह खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। इसके लिए हम सभी को मिलकर सकारात्मक के रूप से काम करना होगा।‌उक्त बातें शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित हिन्दी भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में डीम डा. चंद्रशेखर सिंह ने कही। वहीं डीएम ने आईसीडीएस पटना के द्वारा चलाया जा रहा श्री अन्ना पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़ा के दौरान सबसे प्रमुख है कि हम अधिक से अधिक लोगों और उनके परिवारों को पोषण को बढ़ाने वाली बातों, विशेषकर दो वर्ष तक के बच्चों के लिए बताएं,‌ताकि वह खुद ही जागरूक बनें। उन्होंने बताया कि हमारे देश में परंपरागत रूप से उगाये जा रहे मोटे अनाजों को खाने के लिए प्रेरित करना आज की सबसे महत्वपूर्ण मांग है। इनमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज एवं फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। जो समाज को कुपोषण मुक्त बनाने के साथ मधुमेह, रक्तचाप एवं मोटापे जैसे रोगों से भी बचाएगा। 


वर्ष 1955 -1965 के बीच भारत में उगाए जाते थे मोटे अनाज 

इस दौरान डीडीसी तनय सुल्तानिया ने कहा कि मोटे अनाज के उपयोग के लिए सभी लोगों को जागरूक होना होगा। तभी यह अभियान सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 1955 से लेकर 1965 तक मोटे अनाज की उपज होती थी। लेकिन अन्न की उपलब्धता की कमी होने के कारण खाद्य सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति की शुरुआत की गई। जिसमें चावल,‌गेहूं के उत्पादन पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम सभी को अपने-अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की जरूरत है। साथ ही पोषण पखवाड़ा के दौरान गांव-गांव तक मोटे अनाज के सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करने की सभी से अपील की। इसमें खासकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को बढ़-चढ़कर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज की महत्ता को समझते हुए देश के अंदर तथा विश्व के की देशों में इसके उपयोग एवं उत्पादकता पर बल दिया है। जिसका नतीजा है कि विश्व के  70 से अधिक देशों ने मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर दिया है।

मिलेट के फायदा के लिए चलाया जा रहा है जन जागरुकता कार्यक्रम


आईसीडीएस पटना के डीपीओ आभा प्रसाद ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायत भवन और स्कूलों में सुपोषण के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा मिलेट को आहार में शामिल करने के लिए प्रदर्शनी और जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तिरंगा थाली के प्रदर्शन से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा मोटे अनाज के सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता और जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

वहीं कार्यक्रम के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले आईसीडीएस के कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं कार्यक्रम में मौजूद वरीय उपसमाहर्ता मिंटी हर्सिता और बलिंदर सिंह सलाहकार आईसीडीएस ने भी मोटे अनाज से होने वाले फायदा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जिले के प्रखंडों में जाकर लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए पोषण जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए।  साथ ही समाहरणालय परिसर में लगे मोटे अनाज के स्टाॅल का भी जायजा लिए। इस मौके पर डीडीसी, वरीय उप समाहर्ता,‌डीपीओ और राज्य सलाहकार समेत कई लोग मौजूद थे।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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