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सुरक्षित गर्भ समापन को ले एमटीपी एक्ट 1971 के संशोधन के बारे में आशा कार्यकर्ताओं को दी गई जानकारी

 

- अब विशेष श्रेणी की  महिलाओं के 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता 


: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तारापुर में सांझा प्रयास नेटवर्क के अंतर्गत सेवायतन संस्थान की  ट्रेनिंग और रिसर्च ऑफिसर ने दी जानकारी 


: तारापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित कई अन्य लोग हुए शामिल 


मुंगेर, 02 फरवरी-


  गुरुवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तारापुर के प्रांगण में 46 आशा कार्यकर्ताओं का एमटीपी एक्ट 1971 के प्रावधानों में सन 2021 में हुए संशोधन को लेकर उन्मुखीकरण किया गया । सांझा प्रयास नेटवर्क के अंतर्गत सेवायतन संस्थान की ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर अर्पणा कुमारी ने पीएचसी अंतर्गत काम करने वाली इन आशा कार्यकर्ताओं को विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तारापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बद्रीनाथ सिंह , केयर इंडिया प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमरेश कुमार, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।  

विशेष श्रेणी की  महिलाओं के 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता -

इस अवसर पर आशा कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए अर्पणा कुमारी ने बताया कि 1971 के एमटीपी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कई शर्तों के साथ 20 सप्ताह तक के गर्म समापन को वैध माना गया था। 2021 में हुए एमटीपी एक्ट के प्रावधानों में हुए संशोधन के बाद अब विशेष श्रेणी की  महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।  

उन्होंने बताया कि 1971 से पहले किसी भी प्रकार के गर्भ समापन को अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बहुत कठिनाइयां  आती थी । अनेक तरह के घरेलू उपाय से गर्भ समापन करने की  प्रकिया में गर्भवती महिलाओं की  मृत्यु भी हो जाती थी। इसे रोकने के लिए सन 1971 में एमटीपी एक्ट बना तो उसके बाद सुरक्षित गर्भ समापन की  प्रकिया शुरू हो सकी। 


उन्होंने बताया कि नए संशोधन के अनुसार अब पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य कर दिया गया है। अब किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की  विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन की  सेवाएं दी जा सकेगी। 


उन्होंने बताया कि एमटीपी एक्ट के अनुसार 20 सप्ताह तक के गर्भ समापन के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह  तक के सुरक्षित गर्भ समापन के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए। इसके साथ ही इस दौरान   गोपनीयता का भी गंभीरता के साथ अनुपालन आवश्यक है।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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